Jamia में दिवाली के जश्न में बाधा; अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज, आइसा ने एबीवीपी को ठहराया जिम्मेदार

आइसा ने कहा कि 22 अक्टूबर 2024 को जामिया में आरएसएस से जुड़े संगठन को दिवाली कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।

प्रशासन ने पुलिस से अज्ञात असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। (इमेज-आधिकारिक)

Santosh Kumar | October 24, 2024 | 02:52 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने कैंपस में दिवाली समारोह में खलल डालने के आरोप में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यूनिवर्सिटी ने प्रेस रिलीज जारी कर इस खबर की जानकारी दी। दरअसल, 22 अक्टूबर की शाम को जामिया के छात्रों द्वारा आयोजित दिवाली समारोह में खलल डालने के लिए कुछ अज्ञात लोग कैंपस में घुस आए थे। इसके लिए आइसा ने एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि विश्वविद्यालय के छात्रों ने दिवाली पर रंगोली प्रतियोगिता और दीप प्रज्वलन कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसे सभी धर्मों के छात्र उत्साहपूर्वक मना रहे थे, लेकिन बाहरी तत्वों ने अनुचित नारे लगाकर कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न की।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान को बदनाम करने की कोशिशों को गंभीरता से लिया। प्रशासन ने पुलिस से अज्ञात असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। वहीं, आइसा ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है।

आइसा ने एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया

आइसा ने कहा कि 22 अक्टूबर 2024 को जामिया में आरएसएस से जुड़े संगठन को दिवाली कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई थी। इसी दौरान एबीवीपी के डूसू उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह कुछ गुंडों के साथ कैंपस में घुस आए और पटाखे फोड़ने लगे और मुस्लिम छात्रों के साथ बदसलूकी की।

कुछ छात्रों ने एबीवीपी के डूसू उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह को पहचान लिया और कैंपस में चल रही गुंडागर्दी का मुद्दा उठाया। इसके बाद एबीवीपी के सदस्य जो जामिया के छात्र भी नहीं थे, उन्हें छात्रों के संयुक्त दबाव में कैंपस से बाहर निकाल दिया गया।

आइसा ने आरोप लगाया कि यह स्वीकार करने के बजाय कि उन्होंने भानु प्रताप सिंह सहित अपने सदस्यों को परिसर में भेजा था और मुस्लिम छात्रों को परेशान किया था, केंद्र और एबीवीपी अब पूरे मुस्लिम छात्र समुदाय को हिंदू विरोधी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।

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परिसर का भगवाकरण करने का प्रयास

जामिया के छात्रों को दिवाली से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उन्हें दिवाली के नाम पर एबीवीपी की गुंडागर्दी से दिक्कत है। छात्रों ने प्रॉक्टर से भी सवाल किया है कि युवा संगठन को कैंपस में धार्मिक त्योहार मनाने की इजाजत क्यों दी?

उनका आरोप है कि जामिया प्रशासन एबीवीपी और युवा की सांप्रदायिक नफरत का समर्थन कर रहा है और इन समूहों को सांप्रदायिक नफरत फैलाने की अनुमति देकर परिसर का भगवाकरण करने की कोशिश कर रहा है।

आइसा ने कहा कि जामिया के छात्रों को एबीवीपी के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और जामिया का माहौल खराब करने की हर कोशिश को नाकाम करना चाहिए। उन्होंने एबीवीपी-आरएसएस के मुस्लिम विरोधी एजेंडे के खिलाफ एकजुट हुए छात्रों की एकता की सराहना की।

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