Medical Studies in Hindi: मेडिकल कॉलेजों में अब हिंदी में होगी डॉक्टरी की पढ़ाई, हिंदी दिवस पर बड़ा ऐलान
हिंदी दिवस के अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दो मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दी है।
Santosh Kumar | September 14, 2024 | 09:18 PM IST
जयपुर: मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई अब हिंदी माध्यम से भी की जा सकेगी। हिंदी दिवस के अवसर पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य के शीर्ष नेतृत्व ने इसकी घोषणा की है। राजस्थान में राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
आधिकारिक बयान के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बयान में बताया कि प्रथम चरण में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज-जोधपुर और बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को अपनी पसंद के अनुसार अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
2 कॉलेजों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई शुरू
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान के अनुसार, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले या हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को अंग्रेजी में चलाए जा रहे मेडिकल कोर्स समझने में दिक्कत होती थी। इसे ध्यान में रखते हुए बजट में इन कोर्स को हिंदी माध्यम में चलाने की घोषणा की गई।
हिंदी दिवस के अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस घोषणा को पूरा करते हुए दो मेडिकल कॉलेजों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई की सुविधा शुरू कर दी है। जल्द ही अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
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Medical Studies in Hindi: छत्तीसगढ़ ने भी की घोषणा
राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई शुरू करने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 2024-25 के पहले सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई भी हिंदी में होगी। मेडिकल कॉलेजों में हिंदी की किताबें बांटी जाएंगी।
इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विभाग को निर्देश दिए हैं। साय ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिया गया निर्णय हिन्दी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ में हम इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदी में चिकित्सा की पढ़ाई होने से डॉक्टरों और मरीजों के बीच संवाद बेहतर होगा। अंग्रेजी का डर भी खत्म होगा। आने वाले समय में डॉक्टर भी हिंदी में पर्चा लिख सकेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा मौजूद थे।
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