आईआईटी मद्रास एमोलेड डिस्प्ले कम लागत में तैयार करने के लिए एक नई पैटर्निंग तकनीक पर काम कर रहा है।
Abhay Pratap Singh | December 23, 2024 | 05:32 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) ने स्मार्टफोन, टैबलेट, घड़ियों और पहनने वाली वस्तुओं के लिए नेक्स्ट जनरेशन AMOLED डिस्प्ले विकसित करने के लिए एक नया रिसर्च सेंटर लॉन्च किया है। केंद्र में विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ता शामिल होंगे जो डिस्प्ले डेवलपमेंट करने पर काम करेंगे। इसमें एक अत्याधुनिक क्लीनरूम है जिसमें हाउसेस फैब्रिकेशन और कैरेक्टराइजेशन इक्विपमेंट रखे गए हैं।
राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (National Centre of Excellence) ‘एमोलेड रिसर्च सेंटर’ (ARC) को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और टाटा संस द्वारा फंड दिया जाता है। MeitY के सचिव एस कृष्णन ने 21 दिसंबर, 2024 को आईआईटी मद्रास परिसर में इस केंद्र का उद्घाटन किया था।
एआरसी में शोधकर्ता एमोलेड डिस्प्ले बनाने के लिए एक नवीन पैटर्निंग तकनीक पर काम कर रहे हैं। नई तकनीक से डिस्प्ले निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय लागत कम होगी। इस अनुसंधान केंद्र का उद्देश्य ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करना है, जो मॉड्यूलर डिस्प्ले फैक्ट्रियों (माइक्रो-फैक्ट्रीज) के विकास को सक्षम बनाएगी। केंद्र वर्तमान में छोटे साइज के डिस्प्ले पर काम कर रहा है।
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एआरसी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास में स्थित है। इसमें ‘क्लास 100’ और ‘क्लास 1000’ रेटिंग वाले क्लीनरूम शामिल हैं। मेजर फैब्रिक्रेशन सिस्टम में नेक्स्ट जनरेशन की अल्ट्राफास्ट ग्रोथ और पैटर्निंग टेक्निक भी है, जो इस केंद्र के अध्ययन का मुख्य फोकस है। केंद्र में उपकरणों की विशेषता बताने की सुविधाएं हैं, जहां ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक गुणों का अध्ययन किया जाता है।
लॉन्च इवेंट को संबोधित करते हुए एस कृष्णन ने कहा, “यह केंद्र AMOLED डिस्प्ले बनाने के लिए एक तकनीक विकसित करने पर काम कर रहा है जिसका उपयोग स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, टैबलेट आदि सहित डिजिटल उपकरणों में किया जा सकता है। यह केंद्र नवाचार को बढ़ावा देने, आत्मनिर्भरता बढ़ाने और भारत के औद्योगिक विकास को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा, “वैश्विक AMOLED डिस्प्ले व्यवसाय वर्तमान में लगभग 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है और इसके बढ़ने की उम्मीद है। AMOLED रिसर्च सेंटर भारतीय और वैश्विक बाजार के लिए AMOLED डिस्प्ले विकसित करने के लिए नवीन तकनीकों का आविष्कार करेगा।”