बीटीपीएल सूरत ने डायमंड बेस्ड यूवी फोटोडिटेक्टरों के विकास के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ साइन किया एमओयू

इस सहयोगात्मक कार्य के तहत, बीटीपीएल आईआईटी दिल्ली को उच्च गुणवत्ता वाले सीवीडी विकसित हीरे के सैंपल्स देगा। यूवी फोटोडिटेक्टरों का डिजाइन और विकास आईआईटी दिल्ली के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं द्वारा किया जाएगा।

यूवी फोटोडिटेक्टरों का डिजाइन और विकास आईआईटी दिल्ली के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं द्वारा किया जाएगा।

Saurabh Pandey | October 14, 2024 | 06:34 PM IST

नई दिल्ली : मेसर्स भथवारी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (बीटीपीएल), सूरत ने पहली बार हीरे पर आधारित गहरे पराबैंगनी (यूवी) फोटोडिटेक्टरों के विकास के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ एक एमओयू साइन किए हैं। गहरे यूवी फोटोडिटेक्टरों का उपयोग यूवी इमेजिंग, सुरक्षित संचार (Secure Communication), जैविक पहचान (Biological Detection), सैन्य पहचान (Military Detection) आदि के क्षेत्र में किया जाता है। इन फोटोडिटेक्टरों के फायदे गहरे यूवी क्षेत्र में उनकी अत्यधिक चयनात्मक फोटो रिस्पॉन्स और कमरे के तापमान (आरटी) पर उच्च दक्षता हैं।

इस सहयोगात्मक कार्य के तहत, बीटीपीएल आईआईटी दिल्ली को उच्च गुणवत्ता वाले सीवीडी विकसित हीरे के सैंपल्स देगा। यूवी फोटोडिटेक्टरों का डिजाइन और विकास आईआईटी दिल्ली के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं द्वारा किया जाएगा।

प्रोफेसर राजेंद्र सिंह के रिसर्च ग्रुप के पास लंबा अनुभव

भारत में प्रो. राजेंद्र सिंह के रिसर्च ग्रुप के पास गैलियम नाइट्राइड (GaN), एल्युमीनियम गैलियम नाइट्राइड (AlGaN), एलुमिमुन नाइट्राइड (AlN) और गैलियम ऑक्साइड (Ga2O3) जैसी विस्तृत बैंडगैप सेमीकंडक्टर सामग्री पर आधारित UV और डीप UV फोटोडिटेक्टर तकनीक विकसित करने का एक लंबा अनुभव है।

बीटीपीएल के चेयरमैन बकुल भाई लिंबासिया ने कहा कि हमने 2001 में भारत में पहला लैब ग्रोन डायमंड (एलजीडी) संश्लेषित किया था और तब से एलजीडी के लिए सीवीडी रिएक्टर और संबंधित तकनीक विकसित करने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह सहयोग भारत में पहली बार डायमंड आधारित फोटोडिटेक्टरों के स्वदेशी विकास के लिए एक संयुक्त अकादमिक-उद्योग सहयोग है और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मेक इन इंडिया और “आत्मनिर्भर भारत” के आह्वान के अनुरूप है।

आईआईटी दिल्ली के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह ने कहा कि डायमंड एक अल्ट्रा-वाइड बैंडगैप सेमीकंडक्टर है और इसमें कई दिलचस्प गुण हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इसके अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी हो सकते हैं। यह सहयोग एक सामग्री के रूप में और इसके उपकरण अनुप्रयोगों के लिए हीरे के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को गति देगा।

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डायमंड तीसरी पीढ़ी का वाइड बैंड गैप सेमीकंडक्टर है, इसका उपयोग गहरे यूवी फोटोडिटेक्टर के रूप में किया जाएगा, जिसमें गहरी यूवी फोटो प्रतिक्रिया में सुधार और रक्षा और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त दक्षता में सुधार होगा।

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