World Teachers Day: 5 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्व शिक्षक दिवस? कौन थे दुनिया के पहले पेशेवर शिक्षक

विश्व शिक्षक दिवस पहली बार 1994 में मनाया गया था। यह शिक्षकों की कार्य स्थितियों को पहचानने और सुधारने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

विश्व शिक्षक दिवस दुनिया भर में शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Santosh Kumar | October 5, 2024 | 07:45 AM IST

नई दिल्ली: हर साल 5 अक्टूबर को पूरी दुनिया में 'विश्व शिक्षक दिवस' मनाया जाता है, जो शिक्षकों के योगदान को सम्मान देने का एक खास अवसर है। भारतीय संस्कृति में शिक्षकों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, जो हमें सही राह दिखाते हैं और हमारे जीवन को बेहतर बनाते हैं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि दुनिया के 100 से अधिक देशों में 'विश्व शिक्षक दिवस' 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस पहली बार 1994 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत यूनेस्को ने की थी। यह दिन 1966 में आयोजित यूनेस्को/आईएलओ बैठक की सिफारिश की वर्षगांठ भी मनाता है, जिसमें शिक्षकों की स्थिति में सुधार पर चर्चा की गई थी।

World Teachers Day 2024 Theme: महत्व, थीम

विश्व शिक्षक दिवस दुनिया भर में शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण है, जिसमें अपर्याप्त संसाधन, कम वेतन और व्यक्तिगत विकास के लिए सीमित समय शामिल है।

यह दिन शिक्षकों की कार्य स्थितियों में सुधार और उनकी पहचान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। साथ ही, यह शिक्षा के महत्व और समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर विचार करने का अवसर भी है।

विश्व शिक्षक दिवस 2024 का विषय है "वैल्यूइंग टीचर्स वॉइस: टुवर्ड्स ए न्यू सोशल कॉन्ट्रैक्ट फॉर एडुकेशन"। यह विषय इस बात पर जोर देता है कि शिक्षकों की बात सुनी जाए और उन्हें शैक्षिक नीतियों और प्रक्रियाओं को बनाने में शामिल किया जाए।

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World Teachers Day 2024: दुनिया के पहले पेशेवर शिक्षक

कन्फ्यूशियस को दुनिया का पहला पेशेवर शिक्षक माना जाता है, जिनका जन्म 551 ईसा पूर्व चीन में हुआ था। उन्होंने सबसे पहले ट्यूटर की भूमिका निभाई थी। कन्फ्यूशियस एक गरीब परिवार से थे और उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ संगीत, इतिहास और गणित का भी अध्ययन किया था।

हालांकि उस समय शिक्षा उपलब्ध थी, लेकिन यह सीमित स्तर पर यानी सिर्फ राजघराने के बच्चों को ही उपलब्ध थी। इसी बात को लेकर कन्फ्यूशियस चाहते थे कि शिक्षा सभी तक पहुंचे। इसलिए उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर पढ़ाना शुरू किया।

मिस्र में सबसे पहले 3000 ईसा पूर्व में स्कूल खोले गए थे। औपचारिक शिक्षा की शुरुआत मिस्र से ही हुई थी। कन्फ्यूशियस के अलावा ग्रीक दार्शनिक अरस्तू को पहला शिक्षक कहा जाता है, जिनका जन्म 384 ईसा पूर्व में हुआ था।

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