इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटर्नशिप के बाद नौकरी पाने वाले छात्रों को 3 से 12 लाख रुपये सालाना का पैकेज प्रदान किया गया।
Santosh Kumar | September 26, 2024 | 05:01 PM IST
नई दिल्ली: करियर-टेक प्लेटफॉर्म इंटर्नशाला ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कॉलेज ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल का छात्रों के करियर पर पड़ने वाले असर को दर्शाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल इंटर्नशिप करने वाले करीब 12% कॉलेज छात्र अपने प्रदर्शन के आधार पर इसे फुल-टाइम जॉब में बदलने में सफल रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इंटर्नशिप पाने वाले ज्यादातर छात्रों (78 प्रतिशत) ने घर से काम करते हुए इंटर्नशिप की। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कॉलेजों के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल छात्रों के करियर के सफर में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इंटर्नशाला की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में 21,500 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं, जो 5.8 लाख से अधिक छात्रों को ऐसे अवसर प्रदान कर रहे हैं। छात्रों के बीच इंटर्नशिप और कौशल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कॉलेजों की भागीदारी काफी बढ़ गई है।
साथ ही, यूजीसी, एआईसीटीई जैसी सरकारी संस्थाओं के दिशानिर्देशों ने न केवल इंजीनियरिंग और प्रबंधन संस्थानों, बल्कि देश भर के सभी डिग्री कॉलेजों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2023 में 33,800 से अधिक छात्रों को इंटर्नशिप और नौकरी मिली।
वर्ष 2024 के अंत तक यह संख्या काफी बढ़ने की उम्मीद है। कॉलेज के टीपीओ की मदद से इंटर्नशिप हासिल करने वाले छात्रों के लिए औसत वजीफा 4,200 रुपये प्रति माह था, और अधिकतम वजीफा 60,000 रुपये प्रति माह तक था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटर्नशिप के बाद नौकरी पाने वाले छात्रों को 3 से 12 लाख रुपये सालाना तक का पैकेज मिला। दिल्ली-एनसीआर (26%), मुंबई (10%), बैंगलोर (7%), पुणे (6%), हैदराबाद (6%), कोलकाता (4%), चेन्नई (2%) और जयपुर (2%) ऐसे प्रमुख शहर हैं जहां छात्रों को नौकरी के अवसर मिले।
रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए इंटर्नशाला के संस्थापक और सीईओ सर्वेश अग्रवाल ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) इस दिशा में आगे बढ़ेंगे और 40 मिलियन भारतीय छात्रों को करियर के लिए तैयार करेंगे।"
बता दें कि इंटर्नशिप छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें वास्तविक दुनिया में काम करने का अनुभव मिलता है। इससे उन्हें नए कौशल सीखने और नौकरी पाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह उनके रिज्यूमे को भी मजबूत बनाता है।