MBBS in Hindi: राजस्थान, यूपी सहित इन राज्यों में अब हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई, जानें पूरी डिटेल्स

इस बदलाव से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को लाभ मिलेगा। जिन छात्रों की अधिकांश शिक्षा हिंदी माध्यम से होती है और अंग्रेजी की कठिनाइयों के कारण मेडिकल पाठ्यक्रमों में उन्हें मुश्किल होती है, हिंदी में पढ़ाई से उनकी बुनियादी समझ मजबूत होगी और वे मेडिकल पाठ्यक्रमों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

राजस्थान सरकार 2024-25 शैक्षणिक सत्र से दो कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा के लिए हिंदी को शिक्षण माध्यम के रूप में लागू करेगी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Saurabh Pandey | September 18, 2024 | 12:56 PM IST

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड, राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जाएगी। इन राज्यों के मेडिकल छात्रों के लिए यह एक अच्छा अवसर है, जिससे छात्रों को बेहतर समझ के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हिंदी दिवस के अवसर पर घोषणा करते हुए बताया कि आगामी शैक्षणिक सत्र (2024-25) से MBBS कोर्स हिंदी में पढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को किताबें और स्टडी मटेरियल की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

इसके साथ ही राजस्थान में यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। सबसे पहले जोधपुर का सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज और बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से हिंदी में पढ़ाई शुरू होगी।

यूपी के पांच नए मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेंगी सीटें

इससे पहले यूपी सरकार ने भी राज्य मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए हिंदी भाषा की पाठ्यपुस्तकें पेश करेगी। केंद्र सरकार ने यूपी में पांच नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें बढ़ाने की भी अनुमति दे दी है। इसके साथ ही यूपी में नई एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 600 हो गई है।

उत्तराखंड में भी हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई

उत्तराखंड में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने के लिए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है। यह समिति मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा महाविद्यालयों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नये पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करेगी।

चिकित्सा शिक्षा अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है जो जैव रसायन, शरीर रचना विज्ञान और चिकित्सा शरीर विज्ञान सहित तीन विषयों पर एमबीबीएस हिंदी पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा कर रहा है। अन्य एमबीबीएस पाठ्यपुस्तकों का भी हिंदी में अनुवाद किया जा रहा है और समिति इस अनुवाद की जांच करेगी।

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इस बदलाव से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को लाभ मिलेगा। जिन छात्रों की अधिकांश शिक्षा हिंदी माध्यम से होती है और अंग्रेजी की कठिनाइयों के कारण मेडिकल पाठ्यक्रमों में उन्हें मुश्किल होती है, हिंदी में पढ़ाई से उनकी बुनियादी समझ मजबूत होगी और वे मेडिकल पाठ्यक्रमों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

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