आईएफएस अधिकारी बनने के लिए अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है, क्योंकि उन्हें दूसरे देशों के राजनयिकों और राजदूतों के साथ बातचीत करनी होती है।
Abhay Pratap Singh | October 24, 2024 | 06:24 PM IST
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत की एक प्रमुख केंद्रीय भर्ती एजेंसी है। सरकारी सेवाओं में भर्ती के लिए यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन हर साल किया जाता है। यूपीएससी का फुल फाॅर्म Union Public Service Commision है। यूपीएससी सीएसई एग्जाम का आयोजन आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस पदों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए किया जाता है। यूपीएससी भर्ती परीक्षा में प्रत्येक वर्ष लगभग 13 से 15 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं।
यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए कुल तीन चरणों का आयोजन किया जाता है, जिनमें प्रथम चरण में प्रारंभिक परीक्षा, द्वितीय चरण में मुख्य परीक्षा और तृतीय चरण में साक्षात्कार को शामिल किया गया है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के तहत कुल 24 सेवाओं के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा भी आयोजित की जाती है।
यूपीएससी केंद्रीय और अखिल भारतीय सेवाओं के साथ-साथ रक्षा सेवाओं में अधिकारी स्तर ए और बी में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। बता दें कि, यूपीएससी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कुछ परीक्षाएं इस प्रकार हैं:
यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम में सफल उम्मीदवार ही मेंस एग्जाम और इंटरव्यू में शामिल होने के लिए पात्र होते हैं। यूपीएससी मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षा में उम्मीदवारों के अंकों को जोड़कर अंतिम मेरिट सूची तैयार करता है। इसके बाद उम्मीदवारों को उनकी प्राथमिकताओं, मेरिट सूची के साथ-साथ उम्मीदवार की श्रेणी और प्रत्येक श्रेणी में रिक्तियों के आधार पर सेवाएं आवंटित की जाती हैं। यूपीएससी एग्जाम में सफल उम्मीदवार ही आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस बनते हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए होता है। आईएएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था देखते हैं। इन्हें राज्य या केंद्र सरकार के सचिवालय में तैनात किया जाता है या फिर इन्हें जिले का जिला मजिस्ट्रेट (DM) बनाया जाता है। डीएम जिले का मुखिया होता है और राजस्व, प्रशासनिक एवं विकास कार्य उसके अधीन होते हैं।
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित अधिकारियों को आईपीएस कहा जाता है। UPSC सिविल सेवा में IPS अधिकारी भी IAS के समकक्ष होते हैं। आईपीएस अधिकारी या तो पुलिस मुख्यालय में तैनात होते हैं या जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में काम करते हैं। आईपीएस की जिम्मेदारी जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना है। इसके अलावा, भारतीय खुफिया एजेंसी जैसे इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भी आईपीएस का इस्तेमाल किया जाता है।
भारतीय विदेश सेवा (IFC) देश के विदेशी मामलों का प्रभारी होता है। भारतीय विदेश सेवा के कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा राजनयिक मिशनों में सेवा करने और विदेशी संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जाता है। IFS अधिकारियों का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना है। आईएफसी को विभिन्न देशों में भारत के राजदूत के रूप में तैनात किया जाता है। IFS अधिकारी बनने के लिए अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है।
भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित उम्मीदवार वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग में काम करते हैं। आईआरएस अधिकारी आयकर और सीमा शुल्क विभाग में भी काम करते हैं, जहां वे देश के राजस्व का लेखा-जोखा रखते हैं। आईआरएस अधिकारी वित्तीय नीतियां भी बनाते हैं। आईआरएस का प्रमुख कार्य केंद्र सरकार के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का संग्रह करना है। आईआरएस, भारत सरकार की सिविल सेवाओं में सबसे बड़ी सेवा है।
सैनिक स्कूल इस समय बच्चों की पढ़ाई के लिए अभिभावकों की पहली पसंद बना हुआ है। ऐसे में सैनिक स्कूलों में एडमिशन के लिए मापदंड, फीस और आरक्षण नीति जैसी जानकारी इस लेख में आगे बताई गई है।
Santosh Kumar