अमेरिका में राहुल गांधी ने कहा कि भारत आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के बारे में तभी सोच सकता है जब वह सभी भारतीयों को समान अवसर प्रदान करने वाला “निष्पक्ष स्थान” बन जाए।
Press Trust of India | September 15, 2024 | 03:08 PM IST
मुंबई: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण से संबंधित बयान को लेकर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है। रविवार को उपराष्ट्रपति ने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी ‘‘संविधान विरोधी मानसिकता’’ को दर्शाती है।
महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित संयुक्त संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 'लोकतांत्रिक मूल्यों और नैतिकता का संवर्धन' विषय पर बात की।
धनखड़ ने मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी मूल भावना को भूल गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का विदेशी धरती पर यह कहना कि आरक्षण समाप्त कर दिया जाना चाहिए, संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। यह वही पुरानी संविधान विरोधी मानसिकता है, बस इसकी जिम्मेदारी किसी और ने ले ली है।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं करता, बल्कि समाज को ताकत देने वाले स्तंभों को सहारा देता है।’’
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हाल ही में अमेरिका की यात्रा के दौरान, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तभी सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे और फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।
धनखड़ पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर लिखा, “राहुल गांधी ने अनुसूचित जाति/ जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को खत्म करने की मांग की है। क्या आप कांग्रेस की इस मांग का समर्थन करते हैं धनखड़ साहब?”
भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी इस व्यवस्था को तुरंत खत्म करना चाहते हैं और उनकी टिप्पणी कांग्रेस पार्टी की “आरक्षण विरोधी” मानसिकता को दर्शाती है।
देश के गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी “भारत को विभाजित करने की साजिश” करने वाली ताकतों के साथ खड़े हैं।
अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर दूं - मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएंगे।