UP Schools Closure: उत्तर प्रदेश सरकार ने 27,000 स्कूलों के बंद होने की रिपोर्ट को भ्रामक और निराधार बताया

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं।

एक रिपोर्ट में 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक स्कूलों को यूपी में बंद करने का दावा किया गया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)एक रिपोर्ट में 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक स्कूलों को यूपी में बंद करने का दावा किया गया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | November 5, 2024 | 02:43 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज यानी 5 नवंबर को राज्य में 27,000 से अधिक प्राथमिक स्कूलों को कथित तौर पर बंद करने वाली रिपोर्ट खारिज कर दिया है। राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे ‘भ्रामक और निराधार’ बताते हुए कहा कि स्कूलों को बंद करने या विलय करने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है।

बेसिक शिक्षा विभाग ने ‘एक्स’ पर लिखा कि, “समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबर जिसमें 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात की गई है, बिल्कुल भ्रामक एवं निराधार है। किसी भी विद्यालय को बंद किए जाने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है।”

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UP School Closure Reports -

विभाग ने आगे लिखा, “प्रदेश का प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने तथा छात्रों, विशेषकर बालिकाओं के ड्राप आउट दर को कम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस दृष्टि से समय-समय पर विभिन्न अध्ययन किए जाते हैं।”

आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा गया, “विगत वर्षों में प्रदेश के विद्यालयों में कायाकल्प, निपुण, प्रेरणा आदि योजनाओं के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति एवं सुधार हुए हैं। विभाग के लिए प्रदेश के छात्रों का हित सर्वोपरि है।” बता दें कि विपक्ष के नेताओं ने प्राथमिक शिक्षा के प्रति राज्य सरकार के इस दृष्टिकोण की आलोचना की है।

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Basic Education Department -

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “यूपी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहाँ और कैसे पढ़ेंगे?”

‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में मायावती ने लिखा, “यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं। ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित।”

UP School Closed -

वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘एक्स’ पर कहा, “उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है।”

प्रियंका ने आगे लिखा, “यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर 1 किमी की परिधि में एक प्राइमरी विद्यालय हो ताकि हर तबके के बच्चों के लिए स्कूल सुलभ हो। कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं बल्कि जनता का कल्याण करना है।”

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