बोर्ड अधिकारी ने कहा कि यह मोनोग्राफ एक खुली प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए शैक्षणिक भागीदार या एजेंसी के माध्यम से विकसित किया जाएगा और बाद में इसे स्कूलों, छात्रों और शिक्षकों के लिए डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध कराया जाएगा।
नार्वे के एक स्कूल में किए गए अध्ययन में पाया गया कि जब अभिभावकों को लगा कि उनके बच्चे को धौंस दी जा रही है तो दो-तिहाई बार ऐसा हुआ कि स्कूल इससे सहमत नहीं हुआ।
अधिकारी ने कहा, ‘‘लाइसेंस प्राप्त होने के बाद सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री की रूपरेखा तय की जाएगी।’
एनसीएफएसई 2023 के अनुसार, इस कदम से शिक्षा प्रणाली में रटने की आदत कम होगी और योग्यता-आधारित अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।