क्यूएस रैंकिंग 2025 में आईआईएम बेंगलुरु को 48वीं रैंक, आईआईएम अहमदाबाद को 53वीं रैंक, आईआईएम कलकत्ता को 59वीं रैंक और आईएसबी हैदराबाद को 78वीं रैंक मिली है।
Press Trust of India | September 26, 2024 | 09:41 AM IST
नई दिल्ली: क्यूएस रैंकिंग (QS Rankings) के अनुसार, तीन भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद को अपने एमबीए पाठ्यक्रमों के लिए दुनिया के शीर्ष 100 में स्थान मिला है। तीन आईआईएम संस्थानों में आईआईएम बेंगलुरु, आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम कलकत्ता का नाम शामिल है। इसके अलावा, तीन बी-स्कूलों को रोजगार के मामले में शीर्ष 50 में स्थान दिया गया है।
लंदन स्थित उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार, 14 भारतीय पूर्णकालिक एमबीए कार्यक्रमों ने 2025 के लिए क्यूएस की वैश्विक सूची में स्थान हासिल किया है, जिनमें तीन नई प्रविष्टियां भी शामिल हैं।
अमेरिका में स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस लगातार पांचवें साल बी-स्कूलों में शीर्ष स्थान हासिल किया है। एमबीए सारणी के ऊपरी पायदान पर सभी तीन शीर्ष स्थानों पर अमेरिकी बिजनेस स्कूलों का कब्जा है। व्हार्टन स्कूल दूसरे स्थान पर बना हुआ है, जबकि हार्वर्ड बिजनेस स्कूल तीसरे स्थान पर है।
क्यूएस ग्लोबल एमबीए और बिजनेस मास्टर रैंकिंग 2025 58 देशों और क्षेत्रों में फैली हुई है, जो दुनिया के 340 सर्वश्रेष्ठ वैश्विक एमबीए और विशेष उच्च-मांग वाले बिजनेस मास्टर्स रैंकिंग की श्रृंखला का विश्लेषण करती है। जिसमें प्रबंधन, वित्त, विपणन, बिजनेस एनालिटिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में मास्टर्स शामिल हैं।
क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा, “ये रैंकिंग वैश्विक व्यावसायिक शिक्षा परिदृश्य में करियर-उन्मुख छात्रों के लिए स्वतंत्र अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। विस्तृत तुलनात्मक विश्लेषण के आधार पर, ये रैंकिंग भावी छात्रों को उनके करियर लक्ष्यों के साथ संरेखित कार्यक्रमों के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करती है। चाहे उनका लक्ष्य कॉर्पोरेट जगत में नेतृत्व करना हो, स्टार्ट-अप में नवाचार करना हो या सार्वजनिक क्षेत्र में प्रभाव डालना हो, छात्र अपने पेशेवर पथ को आकार देने में इन अंतर्दृष्टियों का उपयोग कर सकते हैं।”
भारतीय संस्थान आज के जटिल और गतिशील व्यावसायिक वातावरण में काम करने के लिए लीडर्स को तैयार कर रहे हैं। आईआईएम बेंगलुरु, आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम कलकत्ता का प्रदर्शन - विशेष रूप से रोजगार और पूर्व छात्रों के प्रभाव में - शीर्ष-स्तरीय वैश्विक प्रतिभा को आकार देने की भारत की क्षमता को दर्शाता है।
टर्नर ने कहा, “हालांकि, अंतरराष्ट्रीयकरण और लैंगिक विविधता से संबंधित मौजूदा चुनौतियां सुधार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र बने हुए हैं। इन अंतरालों को समाप्त करना न केवल भारत के अग्रणी बिजनेस स्कूलों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अधिक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है जो व्यवसाय नेतृत्व के भविष्य के साथ संरेखित हो।”
भारत से 14 प्रविष्टियों में सात आईआईएम बेंगलुरु, अहमदाबाद, कलकत्ता, इंदौर, लखनऊ, उदयपुर और कोझिकोड शामिल हैं। अन्य संस्थानों में इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (IMT), गाजियाबाद; मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (MDI) गुरुग्राम; जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट; इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, दिल्ली और कोलकाता तथा सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय मुंबई शामिल हैं।
आईआईएम अहमदाबाद का पूर्णकालिक एमबीए कार्यक्रम उद्यमिता और पूर्व छात्र प्रभाव श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी है; आईआईएम बेंगलुरु के पूर्णकालिक एमबीए कार्यक्रम ने भारत में निवेश पर उच्चतम रिटर्न हासिल किया है, जबकि अन्य दो कार्यक्रम दुनिया के शीर्ष 100 में शामिल हैं। वहीं, छात्र और संकाय विविधता के लिए 14 रैंक वाले भारतीय एमबीए कार्यक्रमों में से कोई भी दुनिया के शीर्ष 250 में शामिल नहीं है।
आईआईएम कोझिकोड ने 151-200 बैंड में अपनी शुरुआत की है, जबकि इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद और सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय 251 बैंड में शामिल है। क्यूएस रैंकिंग 2025 में आईआईएम बेंगलुरु को 48 रैंक, आईआईएम अहमदाबाद को 53 रैंक, आईआईएम कलकत्ता को 59 रैंक और आईएसबी हैदराबाद को 78वीं रैंक मिली है।