सूत्रों के अनुसार समिति की सिफारिशों में आउटसोर्सिंग समाप्त करने तथा केन्द्रीय और नवोदय विद्यालयों को स्थायी परीक्षा केन्द्र बनाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
Santosh Kumar | November 12, 2024 | 12:46 PM IST
नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से नीट यूजी 2025 परीक्षा में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नीट यूजी परीक्षा में छात्रों को मिलने वाले अनगिनत अवसर अब खत्म हो सकते हैं। परीक्षा में सुधार के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन के नेतृत्व में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें अगर मान ली जाती हैं तो इसमें बदलाव संभव है। जानकारी के मुताबिक जेईई मेन की तर्ज पर नीट यूजी परीक्षा के लिए अधिकतम 4 मौके दिए जा सकते हैं।
माना जा रहा है कि इससे नीट-यूजी परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या में कमी आएगी। 2024 में नीट यूजी में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे। अभी तक छात्र औसतन 7 से 8 बार नीट यूजी परीक्षा में शामिल होते थे।
अगर नए बदलाव किए गए तो नीट यूजी में प्रयासों की सीमा तय हो जाएगी। नीट यूजी साल में एक बार आयोजित किया जाता है, जबकि जेईई मेन दो बार आयोजित किया जाता है और छात्रों को 3 साल में 6 मौके मिलते हैं।
एनटीए ने अभी सिफारिशें सार्वजनिक नहीं की हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार समिति की सिफारिशों में आउटसोर्सिंग समाप्त करने तथा केन्द्रीय और नवोदय विद्यालयों को स्थायी परीक्षा केन्द्र बनाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
बता दें कि अभी तक एनटीए निजी कंपनियों की सलाह पर संस्थानों और स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाती थी, जिससे नकल माफिया भी इसमें शामिल हो जाते थे। कमेटी ने नियमित अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की संस्तुति की है, ताकि परीक्षा में अनियमितता रोकी जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, समिति ने हाइब्रिड मोड में परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की है, जिसमें पेपर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होंगे। साथ ही, उत्तर ओएमआर शीट पर पेन से भरने होंगे। इसका उद्देश्य प्रश्नपत्र लीक होने की संभावना को खत्म करना है।
समिति ने परीक्षा को कई शिफ्ट में कराने का भी प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के मुताबिक तकनीकी पहलुओं पर एक और रिपोर्ट दी जाएगी। एनटीए में सुधार के लिए यह समिति नीट-यूजी में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बाद 22 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई थी।
7 सदस्यीय समिति का नेतृत्व पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन कर रहे हैं और इसमें एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद् बीजे राव, के राममूर्ति, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं।