मध्यप्रदेश में स्कूल टू वर्क ट्रांजिशन एंड स्ट्रेंथनिंग असेसमेंट सिस्टम की दो दिवसीय नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला के आयोजन के लिए केन्द्र सरकार का एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने धन्यवाद किया।
Abhay Pratap Singh | October 1, 2024 | 09:14 PM IST
नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय (MoE) के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSE&L) ने 30 सितंबर से 1 अक्टूबर 2024 तक भोपाल (मध्य प्रदेश) में दो दिवसीय स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेट (STARS) नॉलेज शेयरिंग वर्कशॉप का आयोजन किया। कार्यशाला में शिक्षा मंत्रालय की एक मजबूत एजुकेशनल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया, जो छात्रों को भविष्य के कार्यबल की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
स्कूल-टू-वर्क ट्रांजिशन और मूल्यांकन प्रणाली को मजबूत बनाने पर केंद्रित इस कार्यशाला का उद्घाटन मध्य प्रदेश के परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने किया। एमपी स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने में स्टार्स प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उद्घाटन सत्र में शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने शिक्षा और रोजगार के बीच अंतर को समाप्त करने के महत्व पर जोर देते हुए कार्यशाला के लिए आवश्यक संदर्भ प्रदान किया। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव विपिन कुमार ने कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और सीखने की अपार संभावनाएं बताईं। मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल ने इस कार्यशाला के महत्व और ऐसे मंचों के माध्यम से राज्यों के बीच होने वाली क्रॉस-लर्निंग पर प्रकाश डाला।
विपिन कुमार द्वारा संचालित पहली पैनल चर्चा में स्कूल-टू-वर्क बदलावों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) और राष्ट्रीय ऋण रूपरेखा (NCRF) जैसी नीतिगत रूपरेखाओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चाओं में स्कूल पाठ्यक्रम में कौशल शिक्षा को शामिल करने, बहुविषयक शिक्षण और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देने में एनसीएफ की भूमिका तथा उद्योग मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम के निरंतर मूल्यांकन और अद्यतनीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
दूसरे दिन अपने उद्घाटन भाषण में शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अतिरिक्त सचिव विपिन कुमार ने मूल्यांकन मॉडल की वर्तमान प्रभावशीलता और सुधार की आवश्यकता पर चर्चा की। महाराष्ट्र की प्रधान सचिव इदजेस अंगमो कुंदन ने कौशल शिक्षा में साइकोमेट्रिक विश्लेषण और करियर काउंसलिंग पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने करियर चयन के लिए 3P अर्थात पर्सनल इंट्रेस्ट, पैरेंटल अप्रोच और पॉसिबल अपॉर्चुनिटी पर प्रकाश डाला।
मध्य प्रदेश के लोक शिक्षण निदेशक दिनेश सिंह कुशवाह ने भविष्य की शिक्षा के लिए मूल्यांकन प्रणालियों को मजबूत करके विद्यार्थियों के परिणाम को बढ़ाने पर प्रस्तुति दी। एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS) के निदेशक डॉ. जोनास बर्टलिंग ने शैक्षिक मूल्यांकन में नवाचारों पर चर्चा की। वहीं, हिमाचल प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने नवीन मूल्यांकन पद्धतियों पर प्रकाश डाला जो विद्यार्थियों को भविष्य की शिक्षा के लिए सशक्त बनाती हैं।