राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
Santosh Kumar | September 6, 2024 | 07:00 PM IST
नैरोबी: केन्या में गुरुवार (5 सितंबर) रात एक प्राइमरी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में भीषण आग लग गई। इस घटना में 17 छात्रों की मौत हो गई और 13 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। पुलिस प्रवक्ता रसीला ओनयांगो ने शुक्रवार को बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है।
न्येरी में एन्ड्रासा अकादमी छात्रावास में 14 वर्ष तक के बच्चे रहते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वहां 150 छात्र रह रहे थे और चूंकि अधिकांश घर लकड़ी के बने थे, इसलिए आग तेजी से फैली। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, केन्या में हाल के वर्षों में स्कूलों में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं। सितंबर 2017 में नैरोबी के एक स्कूल में आग लगने से 9 छात्रों की मौत हो गई थी।
वहीं, वर्ष 2021 में छात्रावास में आग लगने से 58 छात्रों की मौत हो गई, जबकि 2012 में आग लगने से 8 छात्रों की मौत हुई थी। यह स्कूल, जिसमें कुल 824 छात्र हैं, राजधानी नैरोबी से 200 किलोमीटर (125 मील) उत्तर में देश के मध्य पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, जहां लकड़ी की संरचनाएं आम हैं।
शिक्षा मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केन्या के बोर्डिंग स्कूलों में आग लगना आम बात है। यह अक्सर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और भीड़भाड़ के कारण होता है। कई छात्र स्कूल में रहते हैं ताकि उन्हें लंबी यात्रा के बिना पढ़ाई के लिए अधिक समय मिल सके।
2017 में राजधानी नैरोबी के एक स्कूल में छात्रों द्वारा आग लगाए जाने से 10 छात्रों की मौत हो गई थी। सबसे घातक स्कूल आग की घटना 2001 में हुई थी जब माचकोस काउंटी के एक छात्रावास में आग लगने से 67 छात्रों की मौत हो गई थी।