JNUSU ने 47 छात्राओं के यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच में प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप लगाया

जेएनयूएसयू के अनुसार, गवाही के दौरान शिकायतकर्ता से कथित तौर पर “अप्रासंगिक और डराने वाले सवाल” पूछे गए।

आरोपों पर जेएनयू कुलपति की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। (इमेज-विकिमीडिया कॉमन्स)आरोपों पर जेएनयू कुलपति की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। (इमेज-विकिमीडिया कॉमन्स)

Press Trust of India | October 26, 2024 | 10:49 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने आरोप लगाया है कि फ्रेशर्स पार्टी के बाद 47 छात्राओं द्वारा आईसीसी में दर्ज यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच में प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया। जेएनयूएसयू ने कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित को पत्र लिखकर कहा कि आईसीसी शिकायत को "सामूहिक" के बजाय "व्यक्तिगत" मानकर मामले को कमजोर कर रहा है।

जेएनयूएसयू के अनुसार, सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम्स (सीएसएसएस) की 47 छात्राओं ने 22 अक्टूबर को कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सीएसएसएस फ्रेशर्स पार्टी के दौरान कथित यौन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ आईसीसी के समक्ष सामूहिक शिकायत दर्ज कराई थी।

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व्यक्तिगत बयान देने का डाला दबाव

जेएनयूएसयू ने पत्र में दावा किया कि बृहस्पतिवार को हुई आईसीसी बैठक में शिकायतकर्ता छात्राओं की 4 प्रतिनिधि देरी से पहुंचीं, जिसका फायदा उठाते हुए समिति के सदस्यों ने अकेली शिकायतकर्ता को डराने-धमकाने की कोशिश की और उस पर व्यक्तिगत बयान देने का दबाव डाला।

पत्र में कहा गया है, “पीड़िता इसके खिलाफ हैं, क्योंकि शिकायत सामूहिक रूप से दर्ज कराई गई थी, लेकिन वे इसे उत्पीड़न की 5 व्यक्तिगत शिकायतों में बदलकर मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।”

जेएनयूएसयू के अनुसार, गवाही के दौरान शिकायतकर्ता से कथित तौर पर “अप्रासंगिक और डराने वाले सवाल” पूछे गए। छात्र संघ ने इस बात पर चिंता जताई कि एक स्टाफ सदस्य ने गोपनीय मुलाकात के दौरान शिकायतकर्ता का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिससे उसकी पहचान जाहिर होने का डर है।

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वीडियो को तत्काल हटाने की मांग

जेएनयूएसयू प्रतिनिधियों और सीएसएसएस छात्रों ने मांग की कि पीड़िताओं के बयान जेएनयूएसयू के एक प्रतिनिधि की मौजूदगी में दर्ज किए जाने की अनुमति दी जाए, पीड़िता का नाम जाहिर किए बिना एक आदेश जारी किया जाए और शिकायत को सामूहिक शिकायत के रूप में लिया जाए।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गुप्त बैठक के दौरान लिए गए सभी वीडियो तुरंत हटा दिए जाएं। एसोसिएशन ने कहा, "यह स्पष्ट रूप से पीड़िता को दोषी ठहराने और अपराधियों को बचाने का प्रयास है।" उन्होंने आईसीसी के पीठासीन अधिकारी के पद से मिश्रा को हटाने की मांग की।

पत्र में जेएनयूएसयू ने कथित प्रक्रियागत उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आरोपों पर जेएनयू कुलपति की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। आईसीसी के पीठासीन अधिकारी मिश्रा ने कहा कि समिति सभी प्रक्रियाओं का पालन करती है।

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