इस पहल का उद्देश्य तमिलनाडु के 240 स्कूलों के हजारों छात्रों को मास्टर प्रशिक्षकों के माध्यम से आवश्यक सड़क सुरक्षा ज्ञान और कौशल से लैस करना है।
Abhay Pratap Singh | September 12, 2024 | 01:46 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास का सड़क सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र (CoERS) ने युवा चालकों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए फोर्ड के साथ साझेदारी की है। इस पहल के माध्यम से अगली पीढ़ी के युवा चालकों को प्रशिक्षित करना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र तथा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह 30 अगस्त 2024 को आईआईटी मद्रास परिसर में आयोजित किया गया। यह सहयोग कार्यक्रम को बहुमूल्य संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करेगा, जिससे इसका प्रभाव और अधिक बढ़ेगा।
इस पहल का उद्देश्य तमिलनाडु के 240 स्कूलों के हजारों छात्रों को मास्टर प्रशिक्षकों के माध्यम से आवश्यक सड़क सुरक्षा ज्ञान और कौशल से लैस करना है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2022’ पर रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल 1,68,491 घातक सड़क दुर्घटना पीड़ितों में से 42,878 लोग 25 वर्ष से कम आयु के थे।
बचपन में सड़क सुरक्षा की आदतें डालना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे ये आदतें लंबे समय तक याद रहती हैं और ये उनकी जीवनशैली का स्वाभाविक हिस्सा बन जाती हैं। बचपन से ही सड़क सुरक्षा की शिक्षा देकर, समाज यह सुनिश्चित कर सकता है कि सुरक्षित व्यवहार दूसरा स्वभाव बन जाए, जिससे सड़कों पर लोगों की जान बचाने में मदद मिले।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आईआईटी मद्रास और फोर्ड द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम व्यावहारिक प्रशिक्षण पर केंद्रित है, जिसमें सड़कों पर जिम्मेदारी से वाहन चलाने पर जोर दिया गया है। इस सहयोग के लिए सीओईआरएस, आईआईटी मद्रास और फोर्ड ने 30 अगस्त 2024 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
ये प्रशिक्षित व्यक्ति अपने-अपने स्कूलों और यातायात क्षेत्रों में आगे के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे, जिससे ड्राइविंग अभ्यास, यातायात नियम और खतरे के प्रति जागरूकता में गुणात्मक प्रभाव पैदा होगा। युवा ड्राइवरों की शिक्षा में निवेश करके CoERS और Ford का लक्ष्य दुर्घटनाओं को कम करना और सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाना है।
इस अवसर पर बोलते हुए आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा, “आईआईटी मद्रास विभिन्न पहलुओं के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन प्रयासों में युवा पीढ़ी को शामिल करना सड़कों पर सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। हमने पहले भी ड्राइवरों के व्यवहार को सुधारने पर काम किया है और इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य युवा पीढ़ी - कल के ड्राइवरों - को सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं के प्रति संवेदनशील बनाना है।”
इसके एक भाग के रूप में शिक्षकों, यातायात वार्डनों और यातायात पुलिस कर्मियों के लिए मानव व्यवहार के दृष्टिकोण से सड़क सुरक्षा पर क्षमता निर्माण प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस तरह के सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए आईआईटी मद्रास के सीओईआरएस प्रमुख प्रो वेंकटेश बालासुब्रमण्यम ने कहा, “युवा दिमागों को तैयार करने और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए सड़क सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में जल्दी जानकारी देना आवश्यक है, जिससे वे सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाने में सक्षम होंगे।”
प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यम ने आगे कहा कि, “फोर्ड के साथ यह पहल युवा दिमागों को आवश्यक कौशल और व्यवहार परिवर्तन से लैस करने में मदद करेगी, जो भविष्य के ड्राइवर हैं और उन्हें एक जिम्मेदार सड़क उपयोगकर्ता बनने के लिए आवश्यक हैं।”
फोर्ड के सीएसआर प्रमुख श्रीनिवासन जानकीरामन ने कहा, “हमारा ध्यान शिक्षकों को सड़क सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाने पर है तथा यह सुनिश्चित करना है कि छात्र और युवा चालक सड़कों पर सुरक्षित रूप से चलने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस हों। गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धति को विकसित करने के लिए CoERS, IIT मद्रास के साथ यह सहयोग सुरक्षित ड्राइवरों की अगली पीढ़ी को विकसित करने में मदद करता है।”