कोर्ट ने कहा कि छात्र को हॉस्टल की सुविधा भी मिलेगी। सीजेआई ने कहा, "हम एक प्रतिभाशाली छात्र को ऐसे ही नहीं जाने दे सकते।"
Santosh Kumar | October 1, 2024 | 10:45 AM IST
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मुजफ्फरनगर के 18 वर्षीय दलित छात्र अतुल कुमार को बड़ी राहत देते हुए उसका एडमिशन आईआईटी धनबाद में करवाने का निर्देश दिया है। समय पर फीस न जमा करने की वजह से छात्र का दाखिला रोक दिया गया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने छात्र को शुभकामनाएं दीं, जिस पर अब अतुल कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अतुल कुमार ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि वह खुद को खुशकिस्मत मानते हैं। कोर्ट के फैसले से उनके पिता राजेंद्र कुमार के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। उन्होंने कहा कि अब मेरे बेटे का आईआईटीयन बनने का सपना पूरा हो जाएगा।
30 सितंबर को चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आईआईटी धनबाद को अतुल को दाखिला देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि छात्र को हॉस्टल की सुविधा भी मिलेगी। सीजेआई ने कहा, "हम एक प्रतिभाशाली लड़के को ऐसे ही नहीं जाने दे सकते।"
बता दें कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले यूपी के अतुल कुमार को जेईई पास करने के बावजूद आईआईटी में एडमिशन नहीं मिल पाया था। इसकी वजह यह थी कि वह तय समय सीमा के अंदर एडमिशन फीस 17,500 रुपये नहीं भर पाए थे।
इसके बाद उनके पिता ने बेटे के एडमिशन के लिए कोर्ट में केस दायर किया। उन्होंने 3 महीने तक एससी/एसटी आयोग, झारखंड और मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अंत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इस मामले की सुनवाई कल यानी 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई। सीजेआई चंद्रचूड़ ने आईआईटी धनबाद को अतुल कुमार को एडमिशन देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को न्याय के हित में आदेश पारित करने की शक्ति देता है। सुप्रीम कोर्ट ने अतुल कुमार को 'ऑल द बेस्ट, अच्छा करो' कहते हुए संस्थान को एक अतिरिक्त सीट बढ़ाने का आदेश दिया है।
फैसले पर छात्र ने बताया कि उसने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और जेईई एडवांस परीक्षा पास कर आईआईटी धनबाद में अपनी सीट पक्की कर ली। अतुल ने बताया कि 9 जून को भाई के लैपटॉप से रिजल्ट देखकर वह खुश था, लेकिन 24 जून तक 17,500 रुपये जमा करने थे।
घर में पैसे नहीं थे, लेकिन उसने पैसों का इंतजाम कर लिया। लेकिन, डेडलाइन से चार मिनट पहले तकनीकी दिक्कतों के चलते वह पैसे जमा नहीं कर सका और आईआईटी की सीट गंवा बैठा। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उसे एडमिशन मिलने का रास्ता मिल गया है।