इस कार्यक्रम को मुख्य विषयों और प्रयोगशाला पाठ्यक्रमों के साथ सोच-समझकर डिजाइन किया गया है, जिससे कि हेल्थकेयर उद्योग के लिए आवश्यक स्किल प्रदान करने के साथ-साथ उच्च अध्ययन या उद्योग और क्लिनिकल प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके।
Saurabh Pandey | October 22, 2024 | 03:41 PM IST
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (सीबीएमई) ने हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) रिसर्च कार्यक्रम शुरू किया है। चिकित्सा और संबद्ध क्लीनिकल प्रोफेशनल्स के लिए डिजाइन किया गया यह कार्यक्रम जनवरी 2025 में शुरू होगा। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ecampus.iitd.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर, 2024 है।
एमएस रिसर्च कार्यक्रम परियोजना-आधारित शिक्षा पर जोर देता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों से जुड़ने का मौका मिलता है। प्रतिभागियों को शीर्ष संस्थानों और निगमों के साथ क्लीनिकल और औद्योगिक विसर्जन के माध्यम से प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त होगा, जो चिकित्सा और तकनीकी दोनों क्षेत्रों की गहन समझ प्रदान करने में मदद करेगा।
इस कार्यक्रम को मुख्य विषयों और प्रयोगशाला पाठ्यक्रमों के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे कि हेल्थकेयर उद्योग के लिए आवश्यक स्किल प्रदान करने के साथ-साथ उच्च अध्ययन या उद्योग और क्लिनिकल प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके।
इस कार्यक्रम में नामांकित छात्रों को फेलोशिप और पारिश्रमिक द्वारा समर्थित किया जाएगा, जो प्रवेश स्तर के पदों पर चिकित्सा और संबद्ध अनुशासन स्नातकों के लिए उपलब्ध वेतन और वजीफे के बराबर हैं।
प्रोफेसर नीतू सिंह, प्रमुख, सीबीएमई, आईआईटी दिल्ली ने बताया कि यह कार्यक्रम स्नातक और लंबी अवधि की मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री के बीच के अंतर को भरने के लिए बहुत आवश्यक डिग्री और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह चिकित्सा और संबद्ध स्नातकों को प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए लाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से, आईआईटी दिल्ली विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी मानव संसाधन तैयार करने की कल्पना करता है, जो न केवल स्टार्ट-अप संस्कृति और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ा सकता है, बल्कि बायोमेडिकल विज्ञान और इंजीनियरिंग से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को भी बढ़ावा देगा।
प्रोफेसर नरेश भटनागर, डीन, अनुसंधान और विकास, आईआईटी दिल्ली और एक चिकित्सा उपकरण विशेषज्ञ ने कहा कि यह कार्यक्रम कई राष्ट्रीय मिशनों के अनुरूप है। इसे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत के उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के अनुरूप डिजाइन किया गया है। यह मेडिकल स्नातकों के लिए यूनीक अवसर प्रदान करेगा।