सीएम सुक्खू ने कहा कि इस पहल से विदेशी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को भी लाभ मिलेगा।
Press Trust of India | September 23, 2024 | 11:50 AM IST
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा ‘डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना’ का लाभ विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वालों को भी देने की मंजूरी दी गई है। जिसके कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।
राज्य मंत्रिमंडल ने बीते शुक्रवार को इस योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया, जिसके तहत व्यावसायिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक पात्र विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है। इसमें विदेशी शिक्षण संस्थानों को भी शामिल किया गया है।
सुक्खू ने रविवार को कहा कि इस पहल से विदेशी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को लाभ होगा और यह सुनिश्चित होगा कि वित्तीय बाधाएं उनकी शैक्षिक आकांक्षाओं के आड़े नहीं आएं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही विस्तृत एसओपी जारी की जाएगी।
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हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र मेधावी छात्रों की सहायता के लिए पिछले साल ऋण योजना शुरू की थी। इसमें 400,000 (4 लाख) रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्रों को इसके लिए पात्र माना गया है।
सीएमओ हिमाचल ने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, “हमारा संकल्प है कि प्रदेश का हर युवा रोजगार से सशक्त हो। योग्यताओं के अनुरूप नए पदों का सृजन कर हम उन्हें रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान कर रहे हैं। इन प्रयासों से प्रदेश के युवाओं के जीवन में नए सवेरे का उदय होगा और उनका भविष्य उज्ज्वल बनेगा।”
एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि, “हम अपने युवाओं के लिए पुलिस विभाग के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित कर रहे हैं, ताकि हर युवा का भविष्य सुरक्षित हो सके। इन भर्तियों से न केवल युवाओं को सशक्त रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश की सुरक्षा भी मजबूत होगी।”