GUESSS रिपोर्ट में बढ़ती उद्यमशीलता आकांक्षाओं, करियर में उद्यमिता की ओर बदलाव और भारत में विश्वविद्यालय उद्यमिता के सकारात्मक माहौल पर प्रकाश डाला गया है।
Abhay Pratap Singh | October 21, 2024 | 03:54 PM IST
नई दिल्ली: ग्लोबल यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट स्टूडेंट्स सर्वे (GUESSS) रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय कॉलेज के 32.5% छात्र पहले से ही उद्यमिता की ओर कदमताल कर रहे हैं, जो सक्रिय रूप से अपना व्यवसाय शुरू करने में लगे हुए हैं। यह आंकड़ा वैश्विक औसत 25.7% से अधिक है, जो भारतीय विश्वविद्यालयों में उद्यमशीलता की बढ़ती गति को दर्शाता है।
14% भारतीय छात्र स्नातक (ग्रेजुएट) होते ही संस्थापक बनने की योजना बनाते हैं, जो वैश्विक औसत 15.7% के लगभग बराबर है। वहीं, 31.4% छात्र स्नातक होने के 5 साल बाद उद्यमिता अपनाने का इरादा रखते हैं, जबकि वैश्विक औसत 30% है।
GUESSS इंडिया 2023 रिपोर्ट का उद्घाटन 18 अक्टूबर 2024 को हैदराबाद में ISBAcon 2024 के दौरान किया गया, जो भारतीय STEP और बिजनेस इनक्यूबेटर्स एसोसिएशन (ISBA) द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन है। GUESSS इंडिया 2023 सर्वेक्षण रिपोर्ट https://www.guesssindia.in/coming-soon-1 पर जाकर कैंडिडेट डाउनलोड कर सकते हैं।
‘GUESSS इंडिया 2023 रिपोर्ट’ भारतीय छात्र उद्यमिता पर अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण है, जिसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट स्टूडेंट्स सर्वे (GUESSS) के इंडिया चैप्टर द्वारा लाया गया है। यह सबसे बड़ी वैश्विक शोध परियोजना है जिसमें दुनिया भर के छात्र उद्यमियों (57 देशों) पर एक व्यापक सर्वेक्षण शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य दुनिया भर के छात्रों की उद्यमशीलता की भावना - इरादों और गतिविधियों का अध्ययन करना है।
ग्लोबल यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट स्टूडेंट्स सर्वे इंडिया 2023 भारतीय छात्रों की उद्यमशीलता की भावना का पहला सर्वेक्षण है। नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के दौरान किए गए इस सर्वेक्षण में भारत भर के सैकड़ों उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित 13,896 छात्रों के जवाब मिले।
इस रिपोर्ट का नेतृत्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (IIT Mandi) के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर और GUESSS इंडिया के कंट्री डेलीगेट डॉ. पूरन सिंह ने किया तथा इसके सह-लेखक आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के राष्ट्रीय टीम सदस्य और डॉक्टरेट उम्मीदवार श्री धर्मेंद्र के. यादव हैं।
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एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूरन सिंह ने कहा, “हम पहले से ही दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भी है। युवाओं की उद्यमशीलता की क्षमता का दोहन हमारे देशों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। लेकिन क्या हमारे छात्रों के दिमाग में उद्यमशीलता है? क्या वे इसे करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं? हमारे पास हमारे छात्रों की उद्यमशीलता की मानसिकता को समझने के लिए कभी कोई डेटा नहीं था।”
डॉ. पूरन सिंह ने कहा, “GUESSS इंडिया 2023 रिपोर्ट, इन आंकड़ों को सामने लाकर, भारत के छात्र उद्यमिता परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है। हमारे देश के शीर्ष नेतृत्व से हमें इस बात की पुष्टि मिली है कि सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भारी मात्रा में संसाधन लगा रही है। छात्रों के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले समर्थकों ने ISBACON 2024 में रिपोर्ट लॉन्च के दौरान अपने अनुभवों के साथ इस डेटा की पुष्टि की है।”
रिपोर्ट में भारतीय छात्र उद्यमिता में विभिन्न क्षेत्रों को उजागर किया गया है:
करियर में बदलाव की आकांक्षाएं (Shifting Career Aspirations): 69.7% छात्र स्नातक होने के बाद रोजगार की तलाश करते हैं, यह आंकड़ा पांच वर्षों में घटकर 52.2% हो जाता है तथा इस अवधि के दौरान 31% छात्र उद्यमी बनने की आकांक्षा रखते हैं - जबकि स्नातक होने पर यह आंकड़ा 14% था।
मजबूत उद्यमशीलता का इरादा (Strong Entrepreneurial Intent:): भारतीय छात्र वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक उद्यमशीलता की मंशा प्रदर्शित करते हैं, जिनका 7-पॉइंट स्केल पर औसत स्कोर 4.6 है, जो वैश्विक औसत 3.7 से काफी अधिक है।
मजबूत उद्यम पाइपलाइन (Robust Venture Pipeline): 38% छात्र उद्यम निर्माण में शामिल हैं, जिनमें से 33% अभी शुरुआती चरण में हैं, जो वैश्विक समकक्षों में सबसे अधिक है। हालांकि, केवल 4.8% ही राजस्व सृजन चरण तक पहुंच पाए हैं, जो विकास की संभावना को दर्शाता है।
विश्वविद्यालय सहायता (University Support): वर्तमान में 63% छात्र उद्यमी विश्वविद्यालय सहायता प्राप्त करते हैं तथा 26% छात्र उद्यम इनक्यूबेट किए जाते हैं। भारतीय विश्वविद्यालय सकारात्मक उद्यमिता माहौल बनाने में अग्रणी हैं, जिन्हें 7 में से 4.7 रेटिंग दी गई है - जो वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे अधिक है।
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