दिल्ली विश्वविद्यालय में 27 सितंबर को डूसू चुनाव होंगे। डूसू चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होने जा रही है।
Santosh Kumar | September 11, 2024 | 03:52 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति को आगामी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की मांग करने वाले अभ्यावेदन पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
याचिका पर सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि कुलपति डूसू चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लें।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। याचिकाकर्ता शबाना हुसैन ने अदालत को बताया कि डूसू चुनाव धन और शक्ति से काफी प्रभावित होते हैं, जिससे महिलाओं की भागीदारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
याचिका में कहा गया है कि हाल ही में संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत चुनावों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण पारित किया है, ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र चुनावों में भी महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
शबाना हुसैन ने 27 सितंबर को होने वाले डीयूएसयू चुनावों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत को बताया गया कि डूसू चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होने वाली है।
हाईकोर्ट को बताया गया कि छात्र चुनावों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण की आवश्यकता है। शबाना ने आगे कहा कि वह पिछले दो सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों में महिला आरक्षण की वकालत कर रही हैं।
सोर्स-एएनआई